• धर्म के नाम पर भेद भाव:

    जब भी देश में प्रदूषण के बरे में बात होती है तो हिंदू समाज में सर्वश्रेष्ठ त्योहार के लिए बहूत सारे बुद्धि जीवी खड़े हो जाते हैं और कहते हैं पटाखे नहीं जलाने चाहिए इससे शोर प्रदूषण होता है प्रदूषण होता है और सबसे ज्यादा वो लोग बोलते हैं जो खुद सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं आप के बारे में बात कर रहा हूं और जब दिवाली आती है तो सब ज्ञान देना शुरू कर देते हैं पर जब इनके त्योहर आते हैं तो सब सैकुलर हो जाते हैं जब किसी को शोर प्रदूषण और जो गलियों में गंदगी फैलती है तो वो सब चुप हो जाते हैं तब वो सेक्‌यलरिज़म् की दुहाई देते हैंऔर हमारे जो दोगले नेता है वो भी इसके बारे में कुछ नहीं बोलते और अगर इनहे कोई बोलो ये मत करो तो इनका धर्म सबसे ऊपर और इसके लिए ये किसी की हत्या करते हुए भी नहीं सोचते हैं उदाहरण के लिए कमलेश तिवारी जिस्का गला काट दिया गया था 1 छोटी सी टिप्नि के बाद अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब ऐक बारी फिर धर्म के नाम पर दंगे देखने को मिलेंगे.

    सांप्रदायिक हिंसा
  • HINDUTVA

    HINDUTVA K LIYE LOG ISLIYE BOLTE HAI KYONKI HUM HINDU MAAF KARNE MEY WISHVAS RAKHTE HAI PAR HINDUTWA K BARE MEY AISE LOG BAAT KARTE HAI JO CHUNAV K LIYE APNA DHARAM BADALTE REHTE HAI WO HUMEY HINDUTVA SIKHATE HAI AUR HAAL HE MEY SALMAN KHURSID KI BOOK MEY HINDUTWA KO BOKOHARAM AIR ISIS SE TULNA KI GAI YE SAB ISLIYE KI HINDU SAHISUN HAI AGAR YE LOG ITNA HE BOLNE WALE HAI TO TALIBAN ,ISIS, BOKOHARAM K BARE MEY BOLE AISA UE NHI KAR SAKTE KYONKI AGAR YE INKA JIKRA KARENGE TO INKE KHAS MITRA INSE NARAZ HO JAYENGE ISLIYE HUM KHNA CHAHENGE KI HINDUTVA KO HINDUS K UPER CHOD DO AAP KO USKI FIKAR KARNEY KI JAROORAT NHI AUR NA HE USKA JIKAR…….

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